लखनऊ. इस बार राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड में देश ने लखनऊ की जरदोजी कला का भी नजारा देखा। चीफ गेस्ट फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद सहित पूरी दुनिया नवाबी नगरी की इस शान नजदीक से देखी। दरअसल, परेड में शामिल यूपी की झांकी को इसी थीम पर तैयार किया गया था।
25 कलाकारों ने बनाई झांकी
-कोऑर्डिनेटर अशोक बनर्जी ने बताया- झांकी को 25 कारीगरों ने 13 दिन में तैयार किया था।
-इसे बनाने के लिए कोलकाता की एक पब्लिसिटी कंपनी डीडी लैंड को हायर किया गया था।
-मॉडल बनाकर पहले रक्षा मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी को भेजा गया था।
इसलिए चुनी थीम
-अशोक बनर्जी ने बताया कि लखनऊ का जरदोजी कला देश-दुनिया में जाना जाता है।
-विदेशी लोग भी इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।
-राजधानी के हजारों लोग इसके जरिए रोजी-रोटी कमा रहे हैं।
-ऐसे में हमने इस बार इसे ही थीम बनाने का फैसला लिया।
-झांकी में एक सिरे पर रुमी गेट बनाया गया है।
-दूसरे सिरे पर एक कारीगर कपड़े में जरदोजी करता हुआ दिखता है।
-बीच में महिलाएं जरदोजी कला से कढ़ी हुई साड़ियां पहने नजर आएंगी।
क्या है जरदोजी कला
-कपड़ों को कीमती धातुओं से सजाने की परंपरागत कला को जरदोजी कहा जाता है।
-कपड़े पर सोने और चांदी से कढ़ाई की जाती है।
-इसे कढ़ाई की सबसे महंगी शैलियों में से एक माना जाता है।
-हालांकि अब कारीगर तांबे के तारों पर सोने या चांदी की परत और रेशम धागे को साथ मिलाकर इस्तेमाल करते हैं।
-क्योंकि सोने और चांदी की आज उतनी उपलब्धता नहीं है जितनी पहले थी।