संदीप चौरसिया-कुदरहा बस्ती
कुदरहा विकासखंड के ग्राम पंचायत माधवपुर के राजस्व गाँव अमरौना के रहने वाले रमेश ने जिला पंचायत राज अधिकारी को शिकायती पत्र देकर ग्राम पंचायत माधवपुर ग्राम प्रधान व सचिव पूनम श्रीवास्तव पर बिना कार्य कराए दो लाख आठ हजार पांच सौ दस रुपये के बंदरबांट का आरोप लगाया था ।
ग्रामीण को आश्वासन देते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी ने टीम गठित कर जांच कराने का भरोसा दिलाते हुए जांच के लिए निर्देशित किया था । शिकायतकर्ता के मुताबिक अमरौना गांव की बुझावन के घर से लेकर सेमरहिया तालाब तक नाली पहले से बनी हुई है इसे पूर्व प्रधान रामदीन यादव ने बनवाया था । जहाँ इसी बिंदु पर दोबारा चार अन्य नाम देकर ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से 2,08,510 रुपए का बंदरबाट कर गया है लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ है।
कहा कि जैसे ही भ्रष्टाचार की पोल मीडिया वालों ने खोली तो ग्राम प्रधान राजपति देवी व सचिव पूनम श्रीवास्तव आनन-फानन में साइफन गिरवा कर सतिराम के घर से सरकारी नाली तक नाली का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। वहीं शिकायतकर्ता का कहना है कि जब फोन करके जिला पंचायत राज अधिकारी से पूछा तो अधिकारी ने बताया एडीओ पंचायत को कार्य रोकने के लिए कहा गया लेकिन जब सचिव से पूछा गया तो सचिव का कहना है कि निर्माण कार्य की फोटो मैंने जिला पंचायत राज अधिकारी को भेज दिया है और कार्य नहीं रुकेगा।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति पर अधिकारी ही लगा रहे पलीता ।घोटाले की पुष्टि करने के बजाए लीपा पोती करने में जुटे हैं अधिकारी।