संदीप चौरसिया-कुदरहा बस्ती
सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के नाम पर हर वर्ष लाखों रुपये खर्च होते हैं लेकिन कुछ महीनों बाद ही सड़क टूटकर गिट्टियां बिखर जाती हैं । ताजा मामला सदर तहसील के हलुआपार से गौराघाट की सड़क निर्माण का है जहाँ गड्ढा मुक्ति के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है । राहगीरों की माने तो धूल पर ही गिट्टियां बिछा दी जा रही हैं जिससे कुछ ही दिनों में गिट्टियां जमीन छोड़ रही हैं । प्रदेश की योगी सरकार ने 30 नवंबर तक प्रदेश में सभी सड़कों पर गड्ढे भरने के निर्देश दिया है लेकिन प्रदेश सरकार की इस अभियान पर जिम्मेदार अधिकारी ही पानी फेर रहे हैं । आलम ये हैं कि सड़कों के नाम पर तमाम नियमों को ताक पर रखकर धूल के ऊपर ही गिट्टियां बिछाकर डामरीकरण का काम किया जा रहा है तो कही केवल बड़े गड्ढों को भरकर गड्ढा मुक्त करने का काम चलाया जा रहा है ।
निर्माण का हाल ये है कि इधर सड़क बनाई जा रही है और दूसरी तरफ से ये टूटने लगी है । हकीकत देखना हो तो सदर तहसील के हलुआपार से गौरघाट का निर्माण काफी है ।