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बीपी लहरी-महादेवा बस्ती
मजबूरियों के पास बगावत नहीं होती। जिसका सीधा नाजायज फायदा उठाने में पुलिस को परहेज नहीं है।
ताजा मामला लालगंज थाने का है जहाँ बेलगाम होकर फरियादी के साथ गुनहगारों से बद्तर सलूक किया जा रहा है। थानाक्षेत्र के एक गाँव की रहने वाली कक्षा दस की नाबालिग छात्रा संग उसी गाँव के रहने वाले दो मनबढ़ों ने दुष्कर्म किया।
घटना 29 अप्रैल देर रात की है। दबंग आरोपी उसके घर में घुसकर बर्बरता पूर्वक घण्टों नाबालिग की इज्जत रौंदते रहे। शर्मनाक हरकत करने के बाद जानमाल की धमकी देते हुये भाग निकले। पीड़िता के भाई ने दूसरे दिन 30 अप्रैल को थाने पर लिखित शिकायत दिया। इसके बाद इस प्रकरण को वापस लेने के लिये पुलिस देर शाम फरियादी को ही उठा लाई। शनिवार दोपहर को तमाम कोशिशों के बाद उसे छोड़ दिया गया । जब कि मामले के आरोपी सीना तान कर घूम रहे हैं। अब सवाल उठता है कि घटना के दो दिन बाद सामूहिक दुष्कर्म जैसे गम्भीर मामले को दर्ज करने में पुलिस को परहेज क्यों है ?. क्या पुलिस को और किसी घटना का इंतजार है ? चर्चा तो यह भी है कि पुलिस के पक्षपातपूर्ण दोहरी मानसिकता से आम जनता हैरान व परेशान है। फिर भी अधिकारी मूकदर्शक की मुद्रा में हैं। पूरे मामले में थानाध्यक्ष से बात करने पर उन्होने बताया कि तहरीर मिली है, उचित कार्यवाही की जायेगी। जहां तक फरियादी को उठाने की बात है, तो शांति भंग की आशंका में उसे उठाया गया, बाद में छोड़ दिया गया।