
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पत्र का संज्ञान लेते हुए उन्हें श्रमिकों की सेवा में 1000 बस चलाने की अनुमति दे दी है। अपर मुख्य सचिव अश्विनी कुमार अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव को पत्र भेजकर बताया कि आपके द्वारा प्रवासी मजदूरों के संबंध में जो प्रस्ताव दिया गया था उसे स्वीकार किया जाता है। कहा कि बिना देर किए एक हजार बसों की सूची, चालक और परिचालक के साथ एवं अन्य विवरण उपलब्ध करने का कष्ट करें जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।
बताते चलें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी थी। कहा था कि इन बसों का पूरा खर्च कांग्रेस उठाएगी। प्रियंका गांधी वाड्रा के पत्र के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई थी। विशेषज्ञ इसे कांग्रेस का सरकार के प्रति एक सोची समझी राजनीति मान रहे थे और यह कयास लगा रहे थे कि सरकार कांग्रेस को एक हजार बस श्रमिकों की सेवा में चलाने का आदेश नहीं देगी।
सरकार के इस स्वीकृति के बाद देखना होगा कि कांग्रेस बसों का संचालन कराती है, या फिर प्रवासी मजदूरों के नाम पर सिर्फ राजनीति करती है।
बताते चलें कि 2 दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल की नेता आराधना मिश्र मोना के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय जाकर मुख्यमंत्री के नाम प्रियंका गांधी का पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व श्याम किशोर शुक्ला शामिल थे।

पत्र में प्रियंका ने लिखा है कि लाखों की संख्या में प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। सरकार की लगातार घोषणाओं के बावजूद प्रवासी श्रमिक पैदल आ रहे है। उन्हें सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। प्रदेश में अब तक करीब 65 मजदूरों की अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है। यह संख्या प्रदेश में कोरोना महामारी से मरने वालों से अधिक है।
पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कांग्रेस 500 बसें गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। हम 1000 बसें चलाने की आपसे अनुमति चाहते हैं। राष्ट्र निर्माता मजदूरों को इस तरह नहीं छोड़ा जा सकता। कांग्रेस उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।