
चपरासी के सहारे पशु अस्पताल
बनकटी बस्ती (राजेश शुक्ल)
बनकटी विकास क्षेत्र के हल्लौर नगरा (दीक्षापार) गांव में एक दशक पहले बना पशु चिकित्सालय खुद ही बीमार पड़ा है । जहाँ क्षेत्र के बीमार पशुओं का इलाज कर उन्हें स्वास्थ्य बनाने की योजना थी वहीं ठीक इसके उलट यह अस्पताल
ही मरीज बन गया है । अस्पताल पर कोई स्थायी चिकित्सक व फार्मासिस्ट की तैनाती नहीं की गई है जबकि एक चपरासी वक्षराज सिंह के जिम्मे पशु अस्पताल चल रहा है ।
बदहाली का आलम ये है कि लैब धूल फांक रहे हैं तो परिसर में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है । देखरेख के अभाव में शौचालय और किचन का हाल बदतर हो चुका है । तीन ग्राम पंचायतों के बीच बना ये पशु चिकित्सालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है ।
18 लाख 84 हजार रुपये की लागत से बनने वाला ये अस्पताल बेमतलब साबित हो रहा है ।
अधिकांश पशुओं का इलाज कागजों में चलता रहा जबकि मौके पर एक चपरासी के अलावा कोई भी चिकित्सक दिखाई नहीं देता । ग्रामीणों का कहना है कि पशु चिकित्सक कभी कभार आते हैं और हाजिरी लगाकर वापस लौट जाते हैं । पशु चिकित्सालय के चपरासी वक्षराज सिंह ने बताया कि बनकटी पशु अस्पताल के पशु चिकित्सक डॉक्टर प्रशांत कुमार व फार्मासिस्ट गणेश जी कुशवाहा के पास हल्लौर नगरा (दीक्षापार) पशु अस्पताल का अतिरिक्त प्रभार है ।
वहीं ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि पशु चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर व फार्मासिस्ट के ड्यूटी के बारे में आजतक कोई कुछ भी जानकारी नहीं मिली है और न ही उन्हें देखा गया है ।