बस्ती। शिक्षक नेता व सामाजिक कार्यकर्ता संजय द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि विकास प्राधिकरण की लिस्ट से सोनूपार गांव का नाम राजनैतिक साजिस के तहत हटाया गया है, जिसे किसी भी दशा में वर्दाश्त नही किया जायेगा। प्रकरण की शिकायत मंडलायुक्त सहित अन्य उच्चाधिकारियों से की जायेगी। मामले को लेकर ग्रामीणों की बैठक बुलाई गयी है, जरुरी हुआ तो ग्रामीण उच्च न्यायालय की शरण में जायेगे। श्री द्विवेदी ने बताया कि बस्ती विकास प्राधिकरण गठन कर सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। लेकिन विकास प्राधिकरण में सम्मलित 217 गाँव की सूची में सोनूपार का नाम नही है, सूची देखकर हम सब आवाक हैं। ग्राम सभा का पुरवा खखुआ, उमरी लिस्ट में सम्मलित है। सोनूपार के पूरब ढिघा, समसपुर, दसकोलवा,पश्चिम में स्थित धर्मुपुर, डालिया, दुधौरा, उत्तर जगदीसपुर, बरसाव, दौलतपुर, पोखरभिटवा व् दक्षिण में ताड़ीजोत, पचीसा, निपनिया गांव भी सम्मलित है, किन्तु पुराने महत्वपूर्ण चौराहे के रूप में मसहूर सोनूपार को लिस्ट से हटा दिया गया है। श्री द्विवेदी ने कहा कि सूबे के पूर्व मंत्री व हर्रेया विधायक के गांव चिलवनिया तक को लिस्ट सम्मलित किया गया है, जो सोनूपार से 6 किलोमीटर दूर है, तो फिर किस कारण से सोनूपार को लिस्ट से गायब कर दिया गया। इन सवालो के जबाब देने पड़ेंगे। श्री द्विवेदी ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक व मंत्री रामकरन आर्य से मिलकर प्रकरण को अवगत कराया जाएगा। बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी को भी पत्र लिखा जा रहा है। हमारे निर्वाचित जन प्रतिनिधि सोनूपार के ग्रामिणो को न्याय नही दिलाते ,तो हम सब उच्च न्यायालय को शरण में जायेंगे।