बस्ती: पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत दयालपुर में सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामवासियों को टीबी रोग के प्रति जागरूक किया गया।
जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश चतुर्वेदी ने कहा कि टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है,जो हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे ज्यादा प्रचलित फेफड़ों की टीबी ही है, लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लीवर, किडनी, गला, हड्डी अर्थात नाखून एवं बाल को
बस्ती: पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत
छोड़कर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। खांसने और छींकनें के दौरान मुंह-नाक से निकलने वालीं बारीक बूंदों से इसका इन्फेक्शन फैलता है।
चतुर्वेदी ने कहा कि टीबी का बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में होता है, उसके टिश्यू को पूरी तरह नष्ट कर देता है। यूटरस में है तो बांझपन की वजह बनती है, हड्डी में है तो हड्डी को गला देती है, ब्रेन में है तो मरीज को दौड़े पड़ सकते हैं और लीवर में है तो पेट में पानी भर सकता है।
जिला पीपीएम कोआर्डिनेटर मोहम्मद अब्दुल सईद ने कहा कि दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खंासी, खांसी के साथ बलगम आना, कभी-कभार खून भी आ रहा हो, भूख न लग रहा हो, लगातार वजन घट रहा हो, शाम या रात के समय बुखार चढ़ रहा हो, सर्दी में भी पसीना हो रहा हो, संास लेते हुए सीने में दर्द हो, यदि किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण हों तो उसे टीबी की सम्भावना हो सकती है।
एसटीएस राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि जनपद में डाट्स प्रणाली लागू है। जिसके अन्तर्गत मुफ्त में जांच एवं इलाज स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध है एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता की देख-रेख में मुफ्त में मरीजों को दवाइयां खिलाई जाती है। अगर टीबी मरीज अपनी दवाएं नहीं शुरू करता है तो वह नए पन्द्रह मरीजों को इन्फेक्ट करता है और अगर दवा कर रहा है और उस दौरान कोई लापरवाही करता है तो टीबी भयावह रूप ले लेती है। इस दौरान एसटीएलएस शिवशंकर, संदीप कुमार, आशा श्यामा देवी, देवतादीन, वेदमती, उमंग, शानू, शकुन्तला देवी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।